पत्रकार उत्पीड़न को लेकर डिप्टी सीएम से मिला पत्रकार साझा मंच


संगठनों ने दिखाई एकजुटता और सुनाई खरी खरी तो डिप्टी सीएम से मिला मदद का भरोसा


लखनऊ।


संयुक्त पत्रकार संगठन साझा मंच के तत्वावधान में यू0पी0 जर्नलिस्ट्स एसोसियेशन उपजा सहित तमाम पत्रकार संगठनों का  प्रतिनिधि मंडल सूबे के डिप्टी चीफ मनिस्टर दिनेश शर्मा से मिला। पत्रकारो पर हो रहे उत्पीड़न को लेकर बड़ी बेबाकी से पत्रकारो का पक्ष रखते हुए साफ लहजे में जता दिया कि यदि इंसाफ नही मिला तो साझा मंच  उपजा सहित लगभग आधा दर्जन से अधिक संगठनो के बलबूते पर आर-पार की लड़ाई लड़ने को बाध्य होगा।  
 उपजा के प्रदेश अध्यक्ष डा0 जी0 सी0 श्रीवास्तव व महामंत्री रमेश चंद जैन के सयुंक्त पत्रकार संगठन साझा मंच को समर्थन दिये जाने के बाद शुक्रवार को साझा मंच के प्रदेश संयोजक सैय्यद अलीम क़ादरी उपजा के प्रदेश उपाध्यक्ष हेमंत कृष्ण,आल इंडिया रिपोर्टर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष चांद फरीदी सहित लगभग आधा दर्जन संगठनो के पदाधिकारियों ने डिप्टी चीफ मनिस्टर दिनेश शर्मा से मुलाकात कर दो टूक बात की । प्रतिनिधि मंडल के पत्रकारों का सम्मान करते हुए उन्होने हर संभव सहयोग का भरोसा भी जताया।  
पत्रकार साझा मंच के प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि हाल के दिनों में पत्रकारों पर झूठे मुकदमे दर्ज किये जा रहे है। पिछले कुछ माह में पत्रकारों के खि़लाफ़ हिंसा औऱ उत्पीड़न के दर्जनो मामले हुये जिसमें पत्रकारों की मौत भी हो चुकी है। स्थानीय स्तर पर खनन और अपराध जैसे मामलों में रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों को कथित तौर पर माफ़ियाओ के हमलों का शिकार होना पड़ रहा है। इसके बावजूद प्रशासन भी रसूखदारो के दबाव में आकर उल्टे पत्रकारों पर ही नजरे टेढ़ी कर रही है।  
उन्होने अभी हाल में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट को बताते हुये मुख्यमंत्री से कहा कि देश में पत्रकारों के साथ हिंसा और उन पर हमलों के मामले में उत्तर प्रदेश अब पहले नंबर पर हो गया है। जिसके कारण पत्रकारों के सामने सुरक्षा का सवाल खड़ा हो गया हैं। ऐसे में इस राज में स्वतंत्र पत्रकारिता कर पाना टेढ़ी खीर हो गया है। सौंपे गये पत्र में बताया गया कि मिर्ज़ापुर में मिड डे मिल में 'नमक रोटी' की ख़बर दिखाने वाले पत्रकार पवन जायसवाल को ख़बर दिखाने के कारण उन पर संगीन धाराओ में मामला दर्ज कर लिया गया। इसी तरह बिजनौर में फ़र्ज़ी ख़बर दिखाने का आरोप लगाकर पांच पत्रकारों के खि़लाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर ली गयी तथा अफ़ज़लगढ़ क्षेत्राधिकारी द्वारा पत्रकार शकाफत भारती से अभद्रता भी की। आज़मगढ़ में एक पत्रकार की ख़बरों से परेशान प्रशासन ने उस पर धन उगाही का आरोप लगाकर एफ़आईआर दर्ज करा दिया और आननफानन में उसे गिरफ़्तार कर लिया गया। इसी तरह नोएडा में भी पिछले दिनों कुछ पत्रकारों को गिरफ़्तार करके उनके खिलाफ गैंगस्टर ऐक्ट लगा कर उत्पीड़न किया जा रहा है। जिसका संयुक्त पत्रकार साझा मंच विरोध करती है तथा मांग करती है कि इस तरह बेवजह फसायें गये निर्दाष पत्रकारों के समस्त मामलो को वापस लिया जाये तथा इस तरह की कुत्सित कार्यशैली अपनाने वाले दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों व दोषी रसूखदारों के विरूद्व कड़ी कारर्रवाई की जाये। यदि यथाशीघ्र पत्रकारों के मामलो का सही निस्तारण नहीं किया गया तो “सयुंक्त पत्रकार संगठन साझा मंच“ प्रशासन के विरूद्व धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होगा। मुख्यमंत्री को स्वयं ऐसी घटनाओं का सज्ञान लेकर त्वरित कार्यवाही करना  चाहिये, साथ ही पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाते हुये सभी पुलिस थानों को निर्देश जारी करना चाहिये जिससे पत्रकार खुद को सुरक्षित महसूस करें जिस पर डिप्टी चीफ मनिस्टर दिनेश शर्मा ने प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुये बहुत जल्द ही मामलो की जांच करवाकर उचित कारर्रवाई करने का भरोसा दिया।